रायपुर

Mahtari Vandana Yojana: ‘महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों की होगी छंटनी, सिर्फ इन महिलाओं को मिलेगा लाभ’ मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का बड़ा बयान

Mahtari Vandana Yojana: लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही राज्य सरकारें एक्शन मोड में आ गई हैं. आचार संहिता खत्म होते ही राज्य सरकारों ने..

रायपुर, Mahtari Vandana Yojana: लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही राज्य सरकारें एक्शन मोड में आ गई हैं. आचार संहिता खत्म होते ही राज्य सरकारों ने ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने कल यानी शुक्रवार को तीन जिलों के कलेक्टरों का तबादला कर दिया. वहीं, अब खबर आ रही है कि विष्णुदेव सरकार अपनी फ्लैगशिप योजना ‘महतारी वंदन योजना’ को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है. इस संबंध में खुद महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जानकारी दी है.

(Mahtari Vandana Yojana) मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों के बीच छंटनी करने जा रही है

बताया जा रहा है कि कई लाभुकों ने दो-दो फॉर्म भरे हैं और दो-दो बार पैसा ले रहे हैं. इतना ही नहीं कई ऐसे लाभार्थी भी योजना का लाभ ले रहे हैं जो अपात्र हैं। यानी वे सरकारी नौकरी या अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. जबकि पहले ऐसी महिलाओं को आवेदन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था. सूत्रों की मानें तो 20 से 50 हजार ऐसे लाभुक हैं जिनके आवेदनों की जांच होनी है.

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने  कहा कि जिन पात्र महिलाओं के नाम नहीं जोड़े गए हैं और जिन्हें पात्र होने के बावजूद योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उनके नाम दोबारा जोड़े जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पात्र लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिलेगा. गौरतलब है कि विभाग ने यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाने का फैसला किया है जिनमें अपात्र महिलाएं योजना का लाभ ले रही हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रही हैं.ऐसे अधिकतर मामलों में आवेदकों ने स्वयं के अलावा अपने पति या स्वजन का भी आधार कार्ड नंबर आवेदन में लगाया था। सत्यापन के दौरान यह पकड़ में नहीं आया। विभाग एक नाम वाले 20 हजार से अधिक आवेदनों की जांच कर रहा है। इनमें नाम, पता, जन्मतिथि समान हैं।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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